Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Aug 2024 · 1 min read

कोशिशें हाथ

कोशिशें हाथ मलती रहती हैं,
खेल तक़दीर खेल जाती है।
डाॅ○ फ़ौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
4 Likes · 73 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
आपन गांव
आपन गांव
अनिल "आदर्श"
बघेली कविता -
बघेली कविता -
Priyanshu Kushwaha
DR अरूण कुमार शास्त्री
DR अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दुनिया के मशहूर उद्यमी
दुनिया के मशहूर उद्यमी
Chitra Bisht
दशमेश गुरु गोविंद सिंह जी
दशमेश गुरु गोविंद सिंह जी
Harminder Kaur
कबूतर इस जमाने में कहां अब पाले जाते हैं
कबूतर इस जमाने में कहां अब पाले जाते हैं
अरशद रसूल बदायूंनी
"ओखली"
Dr. Kishan tandon kranti
आख़िर तुमने रुला ही दिया!
आख़िर तुमने रुला ही दिया!
Ajit Kumar "Karn"
सन्तुलित मन के समान कोई तप नहीं है, और सन्तुष्टि के समान कोई
सन्तुलित मन के समान कोई तप नहीं है, और सन्तुष्टि के समान कोई
ललकार भारद्वाज
विचार, संस्कार और रस-4
विचार, संस्कार और रस-4
कवि रमेशराज
तुम गए जैसे, वैसे कोई जाता नहीं
तुम गए जैसे, वैसे कोई जाता नहीं
Manisha Manjari
रामायण में भाभी
रामायण में भाभी "माँ" के समान और महाभारत में भाभी "पत्नी" के
शेखर सिंह
दुनियाँ में सबने देखा अपना महान भारत।
दुनियाँ में सबने देखा अपना महान भारत।
सत्य कुमार प्रेमी
एक मुठी सरसो पीट पीट बरसो
एक मुठी सरसो पीट पीट बरसो
आकाश महेशपुरी
गीत
गीत
Mahendra Narayan
*पाऍं कैसे ब्रह्म को, आओ करें विचार (कुंडलिया)*
*पाऍं कैसे ब्रह्म को, आओ करें विचार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
तेरे शहर में आया हूँ, नाम तो सुन ही लिया होगा..
तेरे शहर में आया हूँ, नाम तो सुन ही लिया होगा..
Ravi Betulwala
*सपनों का बादल*
*सपनों का बादल*
Poonam Matia
क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये
क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये
gurudeenverma198
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
धनिकों के आगे फेल
धनिकों के आगे फेल
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
धुएं के जद में समाया सारा शहर पूछता है,
धुएं के जद में समाया सारा शहर पूछता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
3149.*पूर्णिका*
3149.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बेटी हूं या भूल
बेटी हूं या भूल
Lovi Mishra
"उडना सीखते ही घोंसला छोड़ देते हैं ll
पूर्वार्थ
आवारा परिंदा
आवारा परिंदा
साहित्य गौरव
#लघुकविता-
#लघुकविता-
*प्रणय*
तालाब समंदर हो रहा है....
तालाब समंदर हो रहा है....
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
* नाम रुकने का नहीं *
* नाम रुकने का नहीं *
surenderpal vaidya
हमने उसको देखा, नजरों ने कुछ और देखा,,
हमने उसको देखा, नजरों ने कुछ और देखा,,
SPK Sachin Lodhi
Loading...