कोरोना
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया है। कोरोना वायरस बहुत सूक्ष्म लेकिन प्रभावी वायरस है। कोरोना वायरस अति सूक्ष्म वायरस है जो मानव के बाल की तुलना में 900 गुना छोटा है, लेकिन कोरोना का संक्रमण दुनियाभर में तेजी से फ़ैला और चारो तरफ हाहाकार मच गया
कोरोना वायरस (सीओवी) का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है। इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है। इस वायरस का संक्रमण दिसंबर 2019 में चीन के वुहान में शुरू हुआ था। डब्लूएचओ के मुताबिक बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इसके शुरुआती लक्षण थे, भारत में ये कोरोना की दूसरी लहर है जिसके कारण कोरोना के डबल म्युटेन्ट लक्षण भी बदल गया हैं
तेज़ बुखार ,खांसी , जुकाम , गले में खराश ,सांस लेने में तकलीफ होना, तेज़ सर दर्द के अलावा, जीभ पर धब्बे और सूजन का उभरना , स्किन पर लालिमा , स्किन पर जलन , पाँवों के तलवों में जलन , पैरों के तलवों में सूजन , स्किन एलर्जी , डायरिया , उल्टी दस्त , अपच , पेट में दर्द , बहती हुई नाक , सुखी खांसी है
मार्च 2020 से भारत मे कोरोना के लगातार मामले बढ़ने शुरू हुए जबकि कोरोना की पहली लहर थी, हमारे पास इस बीमारी से जूझने के कोई भी कारगर उपाय नहीं थे, पर इस वायरस का डर इतना ज्यादा था कि लोगों में डर बढ़ता चला गया, स्थिति सबसे ज़्यादा विकराल तब हो गयी, जब सरकारों ने बिना सोचे समझे पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर दी, स्कूल कॉलेज, दुकान, बाजार यातायात के साधन सब बन्द कर दिए गए, उस समय मजूदरों का पलायन सबसे विभत्स और दुःखद घटना के तौर पर सामने आई
साधनहीन भूखे प्यासे, नंगे पाँव पलायन करते लोग, जिनमे से अधिकतर की मृत्यु रास्ते मे हो गयी जो घर पहुंचे उनके पास रोटी की समस्या, रोजगार के कोई साधन नहीं, न ही चिकित्सा सम्बन्धी सुविधाएं, सरकार की गरीब तबके के प्रति उदासीनता ने भी लोगों की जानें ली, दिहाड़ी मज़दूर, प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोग, आम जनता छोटे दुकानदार सबकी रोज़ी रोटी बन्द हुई वो अलग,
अब जबकि भारत मे कोरोना की दूसरी लहर है मृत्यु दर पिछले साल से भी अधिक है, तब भी हमारी सरकार के पास इस बीमारी का कोई कारगर हल नहीं है, जबकि सरकार के पास पर्याप्त समय था इस बीमारी से निपटने के लिए, क्योंकि स्वास्थ्य विभाग डॉक्टर्स ने चेताया था कि दूसरी लहर का प्रकोप हो सकता है, पर लोगों की उदासीनता और सरकार की इनलोगों की सलाह अनसुनी करने की वजह से देश मे अब भी कोरोना की दूसरी लहर का ताण्डव जारी है, जो पहले से खतरनाक भी है और इसका पूरी तरह से इलाज का कोई कारगर उपाय भी नहीं, बस बचाव और सतर्कता ही अब हमारे हाथ मे है, जिनमें, मास्क का लगातार पहनना अगर रोड़ पर कोई न हो तब भी, सेनिटाइजर का इस्तेमाल, लोगों से दूरी, बिना कारण बाहर न जाना, बाहर की चीज़ों को बिना मतलब हाथ न लगाना, फेफड़ों की कसरत, स्वस्थ भोजन तथा अपनी रुचि के कामों को करना जैसे पेंटिंग, किताबे पढ़ना, कुकिंग वग़ैरह जिससे आपका मानसिक स्वास्थ्य भी बना रहे