Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Mar 2020 · 2 min read

कोरोना गान

यह सन्देशा हर मुँडेर से कोयल बनकर कूको ना।
जनमानस की सेवा का यह स्वर्णिम अवसर चूको ना।।

जनधन के प्राणों पर संकट, विपदा है यह बहुत ही विकट,
विश्वगुरू भी आज समस्या समाधान को जूझ रहा है।
पर अनहित में निजहित शोधक, हे ईश्वर! यह जनहित रोधक,
मृत मानवता के कानों में मंत्र कारगर फूंको ना।।

अद्भुत देश विशेष हमारा, कुछ ऐसा परिवेश हमारा।
जब उकसाना हो हनुमत को, जामवन्त हो भेष हमारा।
कोई दैत्य विषाणु रूप में असमय ग्रसने को आतुर है,
जितना फैल रहा इसका मुख, बढ़ता उतना क्लेश हमारा।

सब बन जाएं संकटमोचक, जामवन्त तुम बन लो झटपट,
इस अनबुझी पहेली का हल कबसे अंगद बूझ रहा है।
मानवता के हितकर पथ पर, पग बढ़वा दो बन उद्बोधक,
जनमानस की सेवा का यह स्वर्णिम अवसर चूको ना।।

जो निरीह हैं जीवनधारी, सब हैं जीवन के अधिकारी।
निर्ममता से इनका वध कर निगल रहे हैं अत्याचारी।
दुष्टों के आसुरी कृत्य से क्यों सुर ही पीड़ित होते हैं?
क्यों हर ओर आज सन्नाटा क्यों सहमी धरती बेचारी?

प्रियजन से मिलना सुदूर से, है समीपता, छूना झंझट,
संघातक सर का निदान अब केवल संयम सूझ रहा है।
दुख है बाहर, मत खोलो दर, तुम सुख के साधक अवबोधक,
यह सन्देशा हर मुँडेर से कोयल बनकर कूको ना।।

राजा ने अनुरोध किया है, घर से बाहर मत आना।
लेकिन लातों के भूतों ने राजा का अनुरोध न माना।
राजा से है इतनी अनबन, खेल रहे हैं अनशन अनशन,
नियमों का करकर उल्लंघन, नियम चाहते हैं मनमाना।

राष्ट्र प्रगति में बनते बाधक, आखेटक, पर्यटक हैं प्रगट,
इनके विचरण पर प्रतिबंधन, समाधान यह सूझ रहा है।
भोले शंकर के आराधक, बनकर मृत्युञ्जय के द्योतक,
कोरोना के इस विषाणु को हे प्रलयंकर फूंको ना।।

संजय नारायण

Language: Hindi
Tag: गीत
3 Likes · 2 Comments · 432 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रिश्तों में वक्त
रिश्तों में वक्त
पूर्वार्थ
मन की सूनी दीवारों पर,
मन की सूनी दीवारों पर,
हिमांशु Kulshrestha
माथे पर दुपट्टा लबों पे मुस्कान रखती है
माथे पर दुपट्टा लबों पे मुस्कान रखती है
Keshav kishor Kumar
हरि हरि के जाप ने हर लिए सारे कष्ट...
हरि हरि के जाप ने हर लिए सारे कष्ट...
Jyoti Khari
*माटी की संतान- किसान*
*माटी की संतान- किसान*
Harminder Kaur
कुछ अर्जियां डाली हैं हमने गम खरीदने को,
कुछ अर्जियां डाली हैं हमने गम खरीदने को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अभिमानी  इस जीव की,
अभिमानी इस जीव की,
sushil sarna
# लोकतंत्र .....
# लोकतंत्र .....
Chinta netam " मन "
माणुष
माणुष
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
ताउम्र रास्ते पे तो चलते रहे हम
ताउम्र रास्ते पे तो चलते रहे हम
Befikr Lafz
Poem
Poem
Prithwiraj kamila
नवरात्रि गीत
नवरात्रि गीत
ईश्वर दयाल गोस्वामी
खटाखट नोट छापो तुम
खटाखट नोट छापो तुम
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
स्वतंत्रता सही मायने में तभी सार्थक होगा....
स्वतंत्रता सही मायने में तभी सार्थक होगा....
Ajit Kumar "Karn"
वक़्त के साथ
वक़्त के साथ
Dr fauzia Naseem shad
परिणाम जो भी हो हमें खुश होना चाहिए, हमें जागरूक के साथ कर्म
परिणाम जो भी हो हमें खुश होना चाहिए, हमें जागरूक के साथ कर्म
Ravikesh Jha
*झंडा (बाल कविता)*
*झंडा (बाल कविता)*
Ravi Prakash
बाबा भीमराव अम्बेडकर परिनिर्वाण दिवस
बाबा भीमराव अम्बेडकर परिनिर्वाण दिवस
Buddha Prakash
न ही मगरूर हूं, न ही मजबूर हूं।
न ही मगरूर हूं, न ही मजबूर हूं।
विकास शुक्ल
Activities for Environmental Protection
Activities for Environmental Protection
अमित कुमार
रंजिशें
रंजिशें
AJAY AMITABH SUMAN
A GIRL WITH BEAUTY
A GIRL WITH BEAUTY
SURYA PRAKASH SHARMA
" हवाएं तेज़ चलीं , और घर गिरा के थमी ,
Neelofar Khan
#लघुकथा / #बेरहमी
#लघुकथा / #बेरहमी
*प्रणय*
पिया की प्रतीक्षा में जगती रही
पिया की प्रतीक्षा में जगती रही
Ram Krishan Rastogi
Weekend
Weekend
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हैं सितारे डरे-डरे फिर से - संदीप ठाकुर
हैं सितारे डरे-डरे फिर से - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
कोलाहल
कोलाहल
Bodhisatva kastooriya
"शोर"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रेम के दो  वचन बोल दो बोल दो
प्रेम के दो वचन बोल दो बोल दो
Dr Archana Gupta
Loading...