कोयल है सिरमौर
सुबह कहे कुछ और ही,कहे साँझ कुछ और !
यू ही बदले जिन्दगी , ….कह रमेश कर गौर !
आई है ऋतु प्रेम की,आया नया बसंत,
सब पक्षी चाकर बने,कोयल है सिरमौर !!
रमेश शर्मा.
सुबह कहे कुछ और ही,कहे साँझ कुछ और !
यू ही बदले जिन्दगी , ….कह रमेश कर गौर !
आई है ऋतु प्रेम की,आया नया बसंत,
सब पक्षी चाकर बने,कोयल है सिरमौर !!
रमेश शर्मा.