कोई हुनर तो हो हम में, कोई जज्बा तो हो,
कोई हुनर तो हो हम में, कोई जज्बा तो हो,
राह में चलते हुए, कोई कारवां तो हो।
“संतोष”जो मन की बातें सुन सके, ऐसा कोई यार हो,
हर मुश्किल में साथ दे, ऐसा कोई प्यार हो।
सपनों को हकीकत में बदलने का जूनून हो,
हर मोड़ पर संघर्ष से लड़ने का सुकून हो।
छोटे-छोटे कदमों से, बड़े लक्ष्य को पा लें,
दुनिया की नजर में, कुछ खास कर दिखा दें।
कोई हुनर तो हो हम में, कोई पहचान बने,
हर दिल की धड़कन में, अपना नाम बने।
दुनिया कहे कि देखो, ये है वो शख्स,
जिसने अपने हुनर से, हर मंजिल को पा लिया l
कोई हुनर तो हो हम में, कोई जज्बा तो हो,
राह में चलते हुए, कोई कारवां तो हो…