कोई शिकायत आपको हमसे अब होगी नहीं
कोई शिकायत आपको हमसे अब होगी नहीं।
हो चुके हैं दूर अब हम, आपके करीब नहीं।।
कोई शिकायत आपको———————–।।
आप है अम्बर की आभा, हम जमीं की धूल है।
हम बसे हैं पंक में, आप महल का फूल है।।
यही वजह है आपका हम, ख्वाब देखते नहीं।
कोई शिकायत आपको———————-।।
प्यार के सिवा हमारे पास, और कुछ भी नहीं।
आपकी महफ़िल की रौनक, हम बढ़ा सकते नहीं।।
आपकी हमसे हो शाम, ऐसा हम चाहते नहीं।
कोई शिकायत आपको————————।।
आपकी नजरों के काबिल, वो सितारे नहीं है हम।
आपके ख्वाबों की चाही, वो बहारें नहीं है हम।।
आपकी चाहत हो हम, वो खूबी हम में है नहीं।
कोई शिकायत आपको————————।।
देखा है हमने आपको, मतलब नहीं है हमसे कुछ।
गैर है हम आपके, सदगा नहीं है हमसे कुछ।।
आपको हो शर्मसार हमसे, बेखबर हम इतने नहीं।
कोई शिकायत आपको—————————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)