Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Sep 2024 · 1 min read

कोई शिकायत आपको हमसे अब होगी नहीं

कोई शिकायत आपको हमसे अब होगी नहीं।
हो चुके हैं दूर अब हम, आपके करीब नहीं।।
कोई शिकायत आपको———————–।।

आप है अम्बर की आभा, हम जमीं की धूल है।
हम बसे हैं पंक में, आप महल का फूल है।।
यही वजह है आपका हम, ख्वाब देखते नहीं।
कोई शिकायत आपको———————-।।

प्यार के सिवा हमारे पास, और कुछ भी नहीं।
आपकी महफ़िल की रौनक, हम बढ़ा सकते नहीं।।
आपकी हमसे हो शाम, ऐसा हम चाहते नहीं।
कोई शिकायत आपको————————।।

आपकी नजरों के काबिल, वो सितारे नहीं है हम।
आपके ख्वाबों की चाही, वो बहारें नहीं है हम।।
आपकी चाहत हो हम, वो खूबी हम में है नहीं।
कोई शिकायत आपको————————।।

देखा है हमने आपको, मतलब नहीं है हमसे कुछ।
गैर है हम आपके, सदगा नहीं है हमसे कुछ।।
आपको हो शर्मसार हमसे, बेखबर हम इतने नहीं।
कोई शिकायत आपको—————————।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
26 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गर बिछड़ जाएं हम तो भी रोना न तुम
गर बिछड़ जाएं हम तो भी रोना न तुम
Dr Archana Gupta
देश की पहचान
देश की पहचान
Dr fauzia Naseem shad
मां
मां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
मै अकेला न था राह था साथ मे
मै अकेला न था राह था साथ मे
Vindhya Prakash Mishra
दुखता बहुत है, जब कोई छोड़ के जाता है
दुखता बहुत है, जब कोई छोड़ के जाता है
Kumar lalit
वो कपटी कहलाते हैं !!
वो कपटी कहलाते हैं !!
Ramswaroop Dinkar
प्रेम की गहराई
प्रेम की गहराई
Dr Mukesh 'Aseemit'
"सम्भव"
Dr. Kishan tandon kranti
क़ाफ़िया तुकांत -आर
क़ाफ़िया तुकांत -आर
Yogmaya Sharma
व्यक्तिगत अभिव्यक्ति
व्यक्तिगत अभिव्यक्ति
Shyam Sundar Subramanian
हमारे तुम्हारे चाहत में, बस यही फर्क है।
हमारे तुम्हारे चाहत में, बस यही फर्क है।
Anand Kumar
মহাদেবের কবিতা
মহাদেবের কবিতা
Arghyadeep Chakraborty
“साजन”
“साजन”
DrLakshman Jha Parimal
🙅याद रखना🙅
🙅याद रखना🙅
*प्रणय*
“शिक्षा के दीपक”
“शिक्षा के दीपक”
Yogendra Chaturwedi
जीवन की संगत में शामिल जब होती अभिलाषाओं की डोर
जीवन की संगत में शामिल जब होती अभिलाषाओं की डोर
©️ दामिनी नारायण सिंह
कुछ बातों का ना होना अच्छा,
कुछ बातों का ना होना अच्छा,
Ragini Kumari
4118.💐 *पूर्णिका* 💐
4118.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
संवेदना -जीवन का क्रम
संवेदना -जीवन का क्रम
Rekha Drolia
सावन का ,
सावन का ,
Rajesh vyas
दश्त में शह्र की बुनियाद नहीं रख सकता
दश्त में शह्र की बुनियाद नहीं रख सकता
Sarfaraz Ahmed Aasee
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
मनमुटाव सीमित रहें,
मनमुटाव सीमित रहें,
sushil sarna
बाल कविता: जंगल का बाज़ार
बाल कविता: जंगल का बाज़ार
Rajesh Kumar Arjun
मज़दूर कर रहे काम, कोयलों की खानों में,
मज़दूर कर रहे काम, कोयलों की खानों में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बदलते वख़्त के मिज़ाज़
बदलते वख़्त के मिज़ाज़
Atul "Krishn"
बदलाव जरूरी है
बदलाव जरूरी है
Surinder blackpen
हवस में डूबा हुआ इस सृष्टि का कोई भी जीव सबसे पहले अपने अंदर
हवस में डूबा हुआ इस सृष्टि का कोई भी जीव सबसे पहले अपने अंदर
Rj Anand Prajapati
*रोग से ज्यादा दवा, अब कर रही नुकसान है (हिंदी गजल)*
*रोग से ज्यादा दवा, अब कर रही नुकसान है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
सूखी नहर
सूखी नहर
मनोज कर्ण
Loading...