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17 Aug 2023 · 1 min read

*कोई भी ना सुखी*

कोई भी ना सुखी
****************

कोई भी ना सुखी,
सारी दुनिया दुखी।

कोई खुश ना मिले,
हर कोई है दुखी।

दुख दिल में है भरा,
कोई मन से दुखी।

देखा सारा जहां,
हर कोना है दुखी।

कोई निर्धन बहुत,
कोई धन से दुखी।

कोई पीता नशा,
कोई तन से दुखी।

मनसीरत भी यहाँ,
पाए खुद को दुखी।
***************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
97 Views
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