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31 Oct 2024 · 1 min read

कोई भी जीत आपको तभी प्राप्त होती है जब आपके मस्तिष्क शरीर और

कोई भी जीत आपको तभी प्राप्त होती है जब आपके मस्तिष्क शरीर और प्राकृतिक तीनों कारकों के बीच अटूट एकाग्रता बन जाती है अगर इसमें से एक भी कारक बाधित होता है तो वही विजय पराजय में तब्दील हो जाती है।
RJ Anand Prajapati

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