कोई बात नही
****** कोई बात नहीं ******
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हो न गर राजी कोई बात नहीं,
हार तुम बाजी कोई बात नहीं।
जब मियां बीबी राजी राज यही,
क्या करे काजी कोई बात नहीं।
प्रेम में प्रेमी पागल नीच सही,
चढ़ गए फांसी कोई बात नहीं।
धूल चरणों की बन मैं जीत रही,
हो चरण दासी कोई बात नहीं।
है बसा मनसीरत बन दीन सदा,
बस यही काशी कोई बात नहीं।
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सुखविन्द्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)