कोई बात नहीं, कोई शिकवा नहीं
कोई बात नहीं, कोई शिकवा नहीं।
तुमको पसंद जो हम नहीं आये।।
हम तो दिल से चाहते यही है।
कोई गम तुमको छू नहीं पाये।।
कोई बात नहीं——————–।।
प्यार हमसे करते थे, क्यों मुकुर गये।
साथ थे कल तक, क्यों दूर हो गये।।
हमको नहीं इससे, कोई शिकायत।
हमसे जुदा तुम, क्यों हो गये।।
खुश हैं हम तो इससे भी।
नाराज तुम हो नहीं पाये।।
कोई बात नहीं—————-।।
हो सकता था,कल हम भी ऐसे।
रुठ जाते, अगर हम तुमसे।।
तोड़कर तेरे दिल को, ऐसे।
हो जाते बेवफा, हम तुमसे।।
लेकिन तुमसे नाराज नहीं हम।
शायद तुम्हें हम, समझ नहीं पाये।।
कोई बात नहीं——————।।
जहाँ भी रहे तू , सदा खुश रहे।
आबाद खुशियां तेरी, वहाँ रहे।।
रोशन रहे हर ख्वाब, तेरा।
तेरा चमन वहाँ, महका रहे।।
जी लेंगे हम, अकेले यहाँ।
कहीं तेरा प्यार, बिछुड़ नहीं जाये।।
कोई बात नहीं—————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)