कोई जो पूछे तुमसे, कौन हूँ मैं…?
कोई जो पूछे तुमसे, कौन हूँ मैं…?
तुम कह देना, कोई खास नहीं…
एक दोस्त है, पक्का कच्चा सा,
एक झूठ है, आधा सच्चा सा,
जज़्बात से ढका, एक पर्दा है,
एक बहाना, कोई अच्छा सा!
जीवन का ऐसा, साथी है जो,
पास होकर भी, पास नहीं!
कोई जो पूछे तुमसे, कौन हूँ मैं…?
तुम कह देना, कोई खास नहीं…