“कोई क्या समझाएगा उसे”
“कोई क्या समझाएगा उसे”
कोई क्या समझाएगा उसे…
शौक़ लेखन का हो गया है जिसे,
वो तो बस लिखता चला जाएगा…
बिना कुछ कहे, सोचे-समझे…!!
…. अजित कर्ण ✍️
“कोई क्या समझाएगा उसे”
कोई क्या समझाएगा उसे…
शौक़ लेखन का हो गया है जिसे,
वो तो बस लिखता चला जाएगा…
बिना कुछ कहे, सोचे-समझे…!!
…. अजित कर्ण ✍️