कोई काम हो तो बताना,पर जरूरत पर बहाना
कोई काम हो तो बताना,पर जरूरत पर बहाना
वाह री तेरी दुनिया,मतलब पूरा हुआ ,तो भाग जाना।
कैसे रिश्ते ,कैसे लोग,अपनो से भी कतरा के
निकल जाना।
वो दौर अलग था,जब दुःख के थे साथी
आज की हकीकत है,गिरगिट की तरह बदल जाना।
सगा भी अब सगा नही,गैरो का कुछ पता नही
पल पल है यहां पर,सांसों का अटक जाना ।