कोई ओर मिला
मेरा हम सफ़र कोई ओर था
मुझको मंजिल पर कोई ओर मिला
इक आहट से चकनाचूर हुए
जो ख़्वाब बसे थे निगाहों में
किस्मत ने मुझसे छिन लिया
मैंने मांगा था जिसे दुआओं में
मेरी सारी दुआओं का मुझको
हासिल पर कोई ओर मिला
मेरा हम सफ़र कोई ओर था
मुझको मंजिल पर कोई ओर मिला
कुछ रस्मों रिवाज़ो की खातिर
में कुछ कसमें वादे तोड़ आया
जाना था दूर तलक साथ जिसके
उसे बीच सफ़र में ही छोड़ आया
मेरे संग डूबा कोई ओर था मुझको
साहिल पर कोई ओर मिला
मेरा हम सफ़र कोई ओर था
मुझको मंजिल पर कोई ओर मिला