कॉल
होती हो होगी तुम्हारे शहर में भी आशिकी,
उनसे सीख के अपने लबो पे सजा लो,
अब भी समझ नहीं आता, एक अरसे के बाद क्या बोलोगी,
करो कॉल और अपनी धड़कनों को फ़ोन लगा लो।
होती हो होगी तुम्हारे शहर में भी आशिकी,
उनसे सीख के अपने लबो पे सजा लो,
अब भी समझ नहीं आता, एक अरसे के बाद क्या बोलोगी,
करो कॉल और अपनी धड़कनों को फ़ोन लगा लो।