Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Oct 2023 · 1 min read

कैसे हो हम शामिल, तुम्हारी महफ़िल में

शीर्षक – कैसे हो हम शामिल, तुम्हारी महफ़िल में
———————————————————
कैसे हो हम शामिल, तुम्हारी महफ़िल में।
हमारे लिए नहीं प्यार जब, तुम्हारे दिल में।।
कैसे हो हम शामिल—————–।।

भेजा नहीं तुमने तो, कोई संदेश हमको।
याद ही किया है कब, तुमने तो हमको।।
बिन बुलाये आये कैसे, तुम्हारी महफ़िल में।
कैसे हो हम शामिल——————।।

हमको समझते अपना तो, तुम मिलने आते।
साथ लेकर हमें जाते, रूठे को तुम मनाते।।
आती है हमको शर्म, जाते ऐसी महफ़िल में।
कैसे हो हम शामिल—————–।।

हम मुफ़लिस है, हमसे नहीं बढ़ेगी शोभा तुम्हारी।
नहीं करेंगे हमारे कारण, तारीफ लोग तुम्हारी।।
झुकावोगे शर्म से तुम सिर, हमारे कारण महफ़िल में।
कैसे हो हम शामिल——————।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
261 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

THOUGHT
THOUGHT
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दिल की हसरत निकल जाये जो तू साथ हो मेरे,
दिल की हसरत निकल जाये जो तू साथ हो मेरे,
Phool gufran
किताब
किताब
Lalit Singh thakur
रिश्ता निभाता है कोई
रिश्ता निभाता है कोई
Sunil Gupta
तुम सम्भलकर चलो
तुम सम्भलकर चलो
gurudeenverma198
उलझनें रूकती नहीं,
उलझनें रूकती नहीं,
Sunil Maheshwari
लंका दहन
लंका दहन
Paras Nath Jha
सही समय पर, सही
सही समय पर, सही "पोज़िशन" नहीं ले पाना "अपोज़िशम" की सबसे बड़ी
*प्रणय*
निःशब्दिता की नदी
निःशब्दिता की नदी
Manisha Manjari
लोग कहते है तुम मोहब्बत में हारे हुवे , वो लोग हो !
लोग कहते है तुम मोहब्बत में हारे हुवे , वो लोग हो !
Surya Barman
मोहब्बत
मोहब्बत
निकेश कुमार ठाकुर
कविता तो कैमरे से भी की जाती है, पर विरले छायाकार ही यह हुनर
कविता तो कैमरे से भी की जाती है, पर विरले छायाकार ही यह हुनर
इशरत हिदायत ख़ान
आदत सी पड़ गयी है
आदत सी पड़ गयी है
अमित कुमार
दीपपर्व
दीपपर्व
Rajesh Kumar Kaurav
अंतर्द्वंद..
अंतर्द्वंद..
हिमांशु Kulshrestha
रूड़ौ म्हारो गांव धुम्बड़ियौ🌹
रूड़ौ म्हारो गांव धुम्बड़ियौ🌹
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
दोहा सप्तक. . . बाल दिवस
दोहा सप्तक. . . बाल दिवस
sushil sarna
23/55.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/55.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
" क्या जिये "
Dr. Kishan tandon kranti
जीवन
जीवन
Neelam Sharma
दर्स ए वफ़ा आपसे निभाते चले गए,
दर्स ए वफ़ा आपसे निभाते चले गए,
ज़ैद बलियावी
अहसास से नम  नहीं करतीं रिश्तों की मुलायिमत
अहसास से नम  नहीं करतीं रिश्तों की मुलायिमत
Atul "Krishn"
कविता: माँ मुझको किताब मंगा दो, मैं भी पढ़ने जाऊंगा।
कविता: माँ मुझको किताब मंगा दो, मैं भी पढ़ने जाऊंगा।
Rajesh Kumar Arjun
मुझमें क्या मेरा है ?
मुझमें क्या मेरा है ?
अरशद रसूल बदायूंनी
जीवन का त्योहार निराला।
जीवन का त्योहार निराला।
Kumar Kalhans
*जिन्होंने बैंक से कर्जे को, लेकर फिर न लौटाया ( हिंदी गजल/
*जिन्होंने बैंक से कर्जे को, लेकर फिर न लौटाया ( हिंदी गजल/
Ravi Prakash
*कैसे  बताएँ  कैसे जताएँ*
*कैसे बताएँ कैसे जताएँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दुर्योधन मतवाला
दुर्योधन मतवाला
AJAY AMITABH SUMAN
भाई बहन का प्रेम
भाई बहन का प्रेम
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
Loading...