Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jul 2022 · 1 min read

कैसे मनाऊँ

*** रूठकर बैठी सजनी मनाऊँ कैसे ***
*********************************

रूठ कर है दर बैठी सजनी कैसे मनाऊँ,
मुंह फूला कर बैठी सजनी कैसे मनाऊँ।

जान कर अंजानी परियों सी हूर प्यारी,
भूल कर वो घर बैठी सजनी कैसे मनाऊँ।

बात करना चाहूँ लब से दो बातें न निकले,
बांध कर है सिर बैठी सजनी कैसे मनाऊँ।

तोड़ कर रिश्ते – नाते वो चलती दूर जाए,
छोड़ कर दिलबर बैठी सजनी कैसे मनाऊँ।

कौन है दोषी मनसीरत तो समझा न पाया,
सोचकर जिद पर बैठी सजनी कैसे मनाऊँ।
*********************************
सुखविन्द्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
152 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आज के रिश्ते: ए
आज के रिश्ते: ए
पूर्वार्थ
"आरजू"
Dr. Kishan tandon kranti
चाहत बेहतर स्वास्थ्य की
चाहत बेहतर स्वास्थ्य की
Sunil Maheshwari
*🌸बाजार *🌸
*🌸बाजार *🌸
Mahima shukla
न हँस रहे हो ,ना हीं जता रहे हो दुःख
न हँस रहे हो ,ना हीं जता रहे हो दुःख
Shweta Soni
खेल
खेल
Sushil chauhan
🙅आज का मैच🙅
🙅आज का मैच🙅
*प्रणय*
इश्क के चादर में इतना न लपेटिये कि तन्हाई में डूब जाएँ,
इश्क के चादर में इतना न लपेटिये कि तन्हाई में डूब जाएँ,
Chaahat
फिर लौट आयीं हैं वो आंधियां, जिसने घर उजाड़ा था।
फिर लौट आयीं हैं वो आंधियां, जिसने घर उजाड़ा था।
Manisha Manjari
Feeling of a Female
Feeling of a Female
Rachana
छोड़ जाऊंगी
छोड़ जाऊंगी
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
हाँ, मैं पुरुष हूँ
हाँ, मैं पुरुष हूँ
हिमांशु Kulshrestha
बुंदेली दोहा - सुड़ी
बुंदेली दोहा - सुड़ी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मंज़र
मंज़र
अखिलेश 'अखिल'
What strange things did Modi Ji say on foreign soil? The ear
What strange things did Modi Ji say on foreign soil? The ear
DrLakshman Jha Parimal
अनसोई कविता...........
अनसोई कविता...........
sushil sarna
*राधा-कृष्ण मंदिर, किला कैंप, रामपुर: जिसकी प्राचीन मूर्तियॉ
*राधा-कृष्ण मंदिर, किला कैंप, रामपुर: जिसकी प्राचीन मूर्तियॉ
Ravi Prakash
कलाकारी में भी यूं चार चांद लगाते हैं,
कलाकारी में भी यूं चार चांद लगाते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
थोड़ी कोशिश,थोड़ी जरूरत
थोड़ी कोशिश,थोड़ी जरूरत
Vaishaligoel
नाहक ही ख्वाब में जी कर क्या करेंगे ,
नाहक ही ख्वाब में जी कर क्या करेंगे ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
बड़ा बेवाक लहज़ा है बड़ी दिलकश अदायें हैं,
बड़ा बेवाक लहज़ा है बड़ी दिलकश अदायें हैं,
Phool gufran
पेड़ों की छाया और बुजुर्गों का साया
पेड़ों की छाया और बुजुर्गों का साया
VINOD CHAUHAN
Khám phá thế giới cá cược tại 88BET club qua link 188BET 203
Khám phá thế giới cá cược tại 88BET club qua link 188BET 203
188BET 203.4
श्वान संवाद
श्वान संवाद
Shyam Sundar Subramanian
यह दुनिया समझती है, मै बहुत गरीब हुँ।
यह दुनिया समझती है, मै बहुत गरीब हुँ।
Anil chobisa
धार्मिक इतने बनो की तुम किसी का बुरा न कर सको
धार्मिक इतने बनो की तुम किसी का बुरा न कर सको
Sonam Puneet Dubey
उहे समय बा ।
उहे समय बा ।
Otteri Selvakumar
"" *भारत* ""
सुनीलानंद महंत
शब्द ही...
शब्द ही...
ओंकार मिश्र
ये बिल्कुल मेरी मां जैसी ही है
ये बिल्कुल मेरी मां जैसी ही है
Shashi kala vyas
Loading...