कैसे कहूँ दिल की बातें
कैसे कहूँ दिल की बातें
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कैसे कहूँ दिल के बातें,
कटती नहीं लंबी रातें।
आती रहें उनकी यादें,
मिलती नहीं हैँ सौगातें।
तेरी नजर का था जादू,
मीठी गजल रहते गाते।
सपने सदा देखे सादे,
आधे – अधूरे सब आते।
आ पास बैठो सुन लो,
तुम बिन न हम जी पाते।
जपता रहूँ करमाला,
शोभन सुमन मन भाते।
देखो जरा मनसीरत,
वो ही डगर हम जाते।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)