कैसा चल रहा आज!देश का ये राज काज!!
कैसा चल रहा है आज,
देश का ये राज काज,
जुटा रहे हैं धन दौलत,
छोड़ कर लोक लाज!
नित बढ़ रहे हैं दाम,
डीजल पेट्रोल पे,
माह दो माह में,
बढ़ते हैं दाम गैस के,
बढ़ रहे हैं दाम आम,
आटा चावल दाल पे,
अब बढ़ गये हैं दाम,
खाद्य तेल के!
टूट गई कमर आज,
आज के इस राज में,
धडी भर देकर अनाज,
सिर पर उठा रखा है ताज,
बैनर और पोस्टर से,
लबालब हैं सड़कें आज,
वैक्सीन भी उपलब्ध नहीं,
चल रहा है प्रचार राज,
छोड़ कर लोक लाज!
नौकरियां भी छूट गई,
काम धाम सब बंद पड़े,
दर दर को भटक गए,
बेरोजगार कतार में खड़े,
धडी भर अनाज से,
बूझेगी क्या पेट की आग,
चल रहा है कैसा आज,
देश का ये राज काज!
अच्छे दिनों का वायदा,
है नहीं उन्हें अब याद,
बेरोजगारों की भी कब,
आ रही है उनको याद,
नव रत्न कंपनियां भी अब,
हैं बोलियों में बिक रही,
करते थे नाज जिनपे हम,
कौड़ियों में बिक रही,
बदलने लगा है अब,
देश वासियों का मिजाज,
कैसा चल रहा आज,
देश का ये राज काज,
जुटा रहे हैं धन दौलत,
छोड़ कर लोक लाज!