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24 Feb 2024 · 1 min read

केशों से मुक्ता गिरे,

केशों से मुक्ता गिरे,
अधर लगें अंगार ।
श्वेत वसन से झाँकता,
उसका रूप अपार ।।

सुशील सरना / 24-2-24

1 Like · 167 Views
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