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15 Feb 2020 · 1 min read

कृष्ण पिंड से

कृष्ण पिंड से निकली दुनियाँ,कृष्ण पिंड में जाएगी।
कृष्ण तत्व को बिन समझे ,बात समझ नहीं आएगी।
प्रेम ,घृणा सब पागलपन है ,घुप्प अंधेरे के जैसा,
रूह अनन्त है अनन्त रहेगी,भला कहीं रम पाएगी।

कलम घिसाई
( किसी के समझ आये तो टिपण्णी अवश्य करें साझा करें)

Language: Hindi
1 Like · 474 Views
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