कृष्ण पधारो आँगना
सूना घर आँगन नयन,सूनी माँ की गोद।
कृष्ण पधारो आँगना,गूँजे मंगल मोद ।।
गूँजे मंगल मोद,चमन में खुशियाँ बरसे।
अम्मा शब्द पुकार,कर्ण सुनने को तरसे।।
ओ लड्डू गोपाल,प्यार तुमको दूँ दूना ।
आ जाओ अब लाल,दूर कर दो ये सूना। ।
लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली