कृष्ण कन्हैया घर में आए
कृष्ण कन्हैया घर में आए।
खुशियाँ देखो भर के लाए।।
बजे बधाई हर इक घर में।
गूँजे बाजे गाँव शहर में।।
कृष्णा आया सारे कहते।
प्रेम भाव में बहते रहते।।
भोग लगाते पुष्प चढ़ाते।
भजन श्याम के मधुमय गाते।।
छठवे दिन फिर छठी मनाते।
कढ़ी भात पकवान बनाते।।
नवल वस्त्र भी उन्हें चढ़ाते।
भक्ति भाव से वंदन गाते।।
सकल वर्ष प्रभु कृपा दिखाना।
धन यश वैभव भी बरसाना।
गलत पंथ से हमें बचाना।
उचित पंथ प्रभुवर दर्शाना।।
धर्म नीति में बढ़ता जाऊँ।
श्रेष्ठ शिखर पर चढ़ता जाऊँ ।।
सार प्रेम का मैं पहचानूँ।
मर्म भक्ति का भी मैं जानूँ।।
विनय ओम की मानो कृष्णा।
हरो दर्प अरु सारी तृष्णा।।
उचित ज्ञान उर दीप जलाओ।
भद्र कृपा मोहन बरसाओ।।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम