कृषि पर्व वैशाखी….
अपना भारतवर्ष है, त्यौहारों का देश।
मिलजुल खुशियाँ बाँटना, छुपा यही संदेश।।
बैशाखी कृषि-पर्व है, मन में भरे उमंग।
मस्ती में झूमें कृषक, ढोलक-ताशे संग।।
फसल खड़ी तैयार है, घर-घर बाजत ढोल।
कृषक उमंगित नाचते, आज मगन जी खोल।।
गिद्दा-भँगड़ा कर रहे, हर्षित आज किसान।
भर-भर श्रम-फल दे रहे, खड़े खेत-खलिहान।।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद (उ.प्र.)
चित्र गूगल से साभार