√√कृपा करो गुरुदेव हमें(भक्ति गीत)
गुरुदेव वंदना (भक्ति गीत)
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अनहद-नाद बजे अंतर में, लय सुर ताल सुगढ़ दो
कृपा करो गुरुदेव हमें शाश्वत अनंत का वर दो
(1)
हम जीने की कला सीख कर मुस्कानों को पाएँ
खुशियों के भंडार भरे हैं भीतर जो पा जाएँ
जिस मस्ती का कभी न क्षय हो, ऐसी दिव्य अमर दो
कृपा करो गुरुदेव हमें शाश्वत अनंत का वर दो
(2)
तुमने जो मदिरा दी है हम उस मदिरा को पीते
हमें मिलाया तुमने जिससे हम उससे मिल जीते
नशा न टूटे इस मदिरा का ,ऊँचा एक शिखर दो
कृपा करो गुरुदेव हमें शाश्वत अनंत का वर दो
(3)
अभय मिले जीवन में ,मन चिंता से सदा रहित हो
हमें निरोगी तन देना, तेजस्वी बुद्धि सहित हो
चमक लिए आँखों में हमको ,उल्लासों से भर दो
कृपा करो गुरुदेव हमें शाश्वत अनंत का वर दो
(4)
हमें पता क्या कौन कहाँ से आए हैं जाना है
नहीं हमारे है हाथों में कब क्या- क्या पाना है
जान सकें चेतन अविनाशी, शुभ ऐसा अवसर दो
कृपा करो गुरुदेव हमें शाश्वत अनन्त का वर दो
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रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर ,उत्तर प्रदेश ,मोबाइल 99976 15451