(कृपाणघनाक्षरी ) पुलिस और नेता
पुलिस और नेता
कृपाण घनाक्षरी
×××××××××××
1
किया भारी अपराध , कैसे छोड़ू दम साध,
उसे पुलिस न याद मेरा माथा चकराय ।
परिस्थिति कर नोट, लिखी पक्के में रिपोर्ट,
घूमा कानूनी लँगोट, कोई नहीं है उपाय।
छाया जनता में ताव, जले जुनूनी अलाव,
नारे बाजी पथराव,थाना ही न जल जाय ।
मुझे पकड़े ईमान, जकड़े है संविधान,
आप देवें क्षमा दान,होगा कोर्ट में ही न्याय।
2
अबे कानून के कंद, कैसे किया उसे बंद,
वही तो मुझे चुनाव, भारी वोटों से जिताय।
रुख जनता का मोड़, जैसे बने अभी छोड़,
घड़ा कानून का फोड़,दूँगा तरक्की कराय।
चाहे लाठी चार्ज बोल, दस बीस सिर खोल,
चाहे आंसू गैस झोल,चाहे गोली चलवाय ।
घंटा कानूनी हिलाय,सजा उसको दिलाय,
होगी घर हाय हाय,तेरी नौकरी भी जाय।
गुरू सक्सेना