कृपया स्तुति
मुक्तक
प्रेम पुंज करुणायतन, मुरलीधर चित- चोर।
रूप राशि निज दास पर, करो कृपा की कोर।
प्यास बढे दर्शन किये, पूर्ण तृप्ति के धाम।
लख मन मूरति श्याम की, होकर भाव विभोर।
अंकित शर्मा ‘इषुप्रिय’
रामपुर कलाँ,सबलगढ(म.प्र.)