कूष्माण्डा
नवदुर्गा
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कूष्माण्डा दुर्गा चतुर्थ है,
करती सूर्य लोक में वास।
अखिल सृष्टि की यही रचयिता,
सभी सिद्धियां इनके पास।
सिंह वाहिनी अष्टभुजा मां,
कण कण में है इनका तेज।
पावन कृपा दृष्टि पाने हित,
नित्य सभी हम करें प्रयास।
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©सुरेन्द्रपाल वैद्य