कुशल क्षेम
दोहा
कुशल क्षेम
सदा कुशल मंगल रहे ,बरसे आँगन मेह ।
मन से मन जुड़ते रहें ,बढ़े दिनो दिन नेह ।।1
कुशल क्षेम तो पूछ लो ,लौटे वर्षों बाद ।
दे रही है उलाहना ,करके कुछ-कुछ याद ।।2
कुशल भाव रखिए सदा ,नित्य कीजिए प्रेम ।
सबका हो कल्याण तब , फैलेगा सुख क्षेम ।।3
समाचार सकुशल मिले , मन से रहें प्रसन्न ।
अनुष्ठान मंगल करें ,दोषों का हो दमन ।।4
सकुशलता बरसे सदा ,पड़ती प्रीति फुहार ।
बैर भाव अंतर मिटे ,नित होए उजियार ।।5
आशीर्वाद कुशल मिले , बढ़ता है सौभाग्य ।
नित्य प्रिया हँसती रहे ,मिटता मन बैराग्य ।।6
रहे कुशल जब आप भी , कुशल लगे संसार ।
दिखता अंबर तब बड़ा ,भरा रहे उर प्यार ।।7
सकुशल मंगल कामना ,दे अपनों को मान ।
क्षेम ही क्षेम मिलता रहे ,मूक हृदय का गान ।।8
कुशल रहे दुनिया सभी ,न हो कहीं संत्रास ।
खिला-खिला हो चेहरा ,मिले सभी को ग्रास ।।9
कुशल बना कर सब रहें ,शुभ गणपति आशीष ।
मंगल मोद बढ़ता रहे ,मिटे हृदय की टीस ।।10
डा. सुनीता सिंह ‘सुधा’शोहरत
मौलिक स्वरचित सृजन
वाराणसी
22/5/2021