Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jan 2022 · 1 min read

कुशल आपदा प्रबंधन

कुशल आपदा प्रबंधन के लिए नुकसान के आकलन में तेज अवलोकन कौशल ;और कम से कम नुकसान के साथ
जान-माल को बचाने के लिए त्वरित कार्य योजना की आवश्यकता होती है।

Language: Hindi
366 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all
You may also like:
कुछ दिन से हम दोनों मे क्यों? रहती अनबन जैसी है।
कुछ दिन से हम दोनों मे क्यों? रहती अनबन जैसी है।
अभिनव अदम्य
लापता सिर्फ़ लेडीज नहीं, हम मर्द भी रहे हैं। हम भी खो गए हैं
लापता सिर्फ़ लेडीज नहीं, हम मर्द भी रहे हैं। हम भी खो गए हैं
Rituraj shivem verma
रखो अपेक्षा ये सदा,  लक्ष्य पूर्ण हो जाय
रखो अपेक्षा ये सदा, लक्ष्य पूर्ण हो जाय
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मैं निकल गया तेरी महफिल से
मैं निकल गया तेरी महफिल से
VINOD CHAUHAN
उपहार
उपहार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
शुक्रिया जिंदगी!
शुक्रिया जिंदगी!
Madhavi Srivastava
हमारा भारतीय तिरंगा
हमारा भारतीय तिरंगा
Neeraj Agarwal
भारत के वीर जवान
भारत के वीर जवान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
खांचे में बंट गए हैं अपराधी
खांचे में बंट गए हैं अपराधी
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
भूलकर चांद को
भूलकर चांद को
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
"कैसा सवाल है नारी?"
Dr. Kishan tandon kranti
खून के आंसू रोये
खून के आंसू रोये
Surinder blackpen
जो होता है सही  होता  है
जो होता है सही होता है
Anil Mishra Prahari
परमेश्वर दूत पैगम्बर💐🙏
परमेश्वर दूत पैगम्बर💐🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
अचानक जब कभी मुझको हाँ तेरी याद आती है
अचानक जब कभी मुझको हाँ तेरी याद आती है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
2358.पूर्णिका
2358.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
पर्यावरण और प्रकृति
पर्यावरण और प्रकृति
Dhriti Mishra
सुस्त हवाओं की उदासी, दिल को भारी कर जाती है।
सुस्त हवाओं की उदासी, दिल को भारी कर जाती है।
Manisha Manjari
रेशम की डोर राखी....
रेशम की डोर राखी....
राहुल रायकवार जज़्बाती
क्या चाहती हूं मैं जिंदगी से
क्या चाहती हूं मैं जिंदगी से
Harminder Kaur
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
बची रहे संवेदना...
बची रहे संवेदना...
डॉ.सीमा अग्रवाल
नहीं आती कुछ भी समझ में तेरी कहानी जिंदगी
नहीं आती कुछ भी समझ में तेरी कहानी जिंदगी
gurudeenverma198
एक तमाशा है
एक तमाशा है
Dr fauzia Naseem shad
बस में भीड़ भरे या भेड़। ड्राइवर को क्या फ़र्क़ पड़ता है। उसकी अप
बस में भीड़ भरे या भेड़। ड्राइवर को क्या फ़र्क़ पड़ता है। उसकी अप
*प्रणय प्रभात*
*वंदन शासक रामपुर, कल्बे अली उदार (कुंडलिया)*
*वंदन शासक रामपुर, कल्बे अली उदार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
आया तेरे दर पर बेटा माँ
आया तेरे दर पर बेटा माँ
Basant Bhagawan Roy
मैं हर इक चीज़ फानी लिख रहा हूं
मैं हर इक चीज़ फानी लिख रहा हूं
शाह फैसल मुजफ्फराबादी
सबने सब कुछ लिख दिया, है जीवन बस खेल।
सबने सब कुछ लिख दिया, है जीवन बस खेल।
Suryakant Dwivedi
Loading...