कुर्बानी!
आज मनुष्य शायद , कुर्बानी के अर्थ को नही समझ पाया है।यह शब्द उर्दू भाषा से लिया गया शब्द है।पर!हम किसी भी शब्द के अर्थ को जाने बिना ही हम उस पर चलने लगते हैं। यही हमारी भूल है।हर शब्द में एक रहस्य छुपा हुआ होता है।हम उस शब्द के भाव को नही जानते है।यह शब्द भावनात्मक शब्द है। हमने इस शब्द को बलि से जोड़ दिया। और अर्थ निकाल लिया। कुर्बानी और बलि के दोनों के भाव एक है। लेकिन ज्यादातर लोग किसी भी जीव को हलाल कर देना मानते हैं।जबकि ऐसा नहीं है। कुर्बानी का उद्देश्य है, किसी भी वस्तु को सदा के लिए त्याग कर देना।या उस प्रिय वस्तु को समर्पित कर देना। इसमें मनुष्य का भक्ति का भाव जुड़ा हुआ है।