कुन्डली – गुरू सक्सेना
नेपाल कुण्डली
जायें नर निज पथ भटक, कर लुच्चन को संग।
चलें चाल बेकायदा,बदलेंअपने ढंग ।
बदलें अपने ढंग,दृष्टि को डाल देखिये ।
चीन संग से बिगड़ गया नेपाल देखिये ।
दया धर्म ईमान बेच नेपाली खायें ।
दुष्ट संग से सभी सज्जनों के गुण जायें ।
गुरू सक्सेना
नरसिंहपुर मध्यप्रदेश
15/7/20