Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Oct 2024 · 1 min read

कुदरत तेरा करतब देखा, एक बीज में बरगद देखा।

कुदरत तेरा करतब देखा, एक बीज में बरगद देखा।

रोज रोज ये सूरज कैसे, पूरब से उग जाता है।
सुबह गुलाबी दिन मे तपता, शाम को ये डूब जाता है।
रात को कैसे जा छिपता है, अनजाने ये सरहद देखा,
कुदरत तेरा करतब देखा, एक बीज में बरगद देखा।

पानी में मछली रहती क्यों? पर चिड़िया इसमें मरती क्यों?
सर्प सरकता रेंग रेंग कर, छिपकीली छत पे चढ़ती क्यों?
कोयल कूके बाग में आके,मकसद क्या अनजाने देखा।
कुदरत तेरा करतब देखा, एक बीज में बरगद देखा।

नाजाने क्या मकसद देखा, एक बीज में बरगद देखा।

अजय अमिताभ सुमन

19 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"मिर्च"
Dr. Kishan tandon kranti
*आओ बैठो कुछ ध्यान करो, परमेश्वर की सब माया है (राधेश्यामी छ
*आओ बैठो कुछ ध्यान करो, परमेश्वर की सब माया है (राधेश्यामी छ
Ravi Prakash
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
एक बार नहीं, हर बार मैं
एक बार नहीं, हर बार मैं
gurudeenverma198
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelam Sharma
समय को समय देकर तो देखो, एक दिन सवालों के जवाब ये लाएगा,
समय को समय देकर तो देखो, एक दिन सवालों के जवाब ये लाएगा,
Manisha Manjari
तुझको पाकर ,पाना चाहती हुं मैं
तुझको पाकर ,पाना चाहती हुं मैं
Ankita Patel
भीगी पलकें...
भीगी पलकें...
Naushaba Suriya
टिक टिक टिक
टिक टिक टिक
Ghanshyam Poddar
दोहा बिषय- दिशा
दोहा बिषय- दिशा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
अपने मां बाप की कद्र करते अगर
अपने मां बाप की कद्र करते अगर
कृष्णकांत गुर्जर
बेटियां
बेटियां
करन ''केसरा''
इंसान चाहे कितना ही आम हो..!!
इंसान चाहे कितना ही आम हो..!!
शेखर सिंह
जिस माहौल को हम कभी झेले होते हैं,
जिस माहौल को हम कभी झेले होते हैं,
Ajit Kumar "Karn"
ज़िन्दगी नाम है चलते रहने का।
ज़िन्दगी नाम है चलते रहने का।
Taj Mohammad
हंस रहा हूं मैं तेरी नजरों को देखकर
हंस रहा हूं मैं तेरी नजरों को देखकर
भरत कुमार सोलंकी
ईश्वर
ईश्वर
Shyam Sundar Subramanian
मॉं जय जयकार तुम्हारी
मॉं जय जयकार तुम्हारी
श्रीकृष्ण शुक्ल
मोमबत्ती की रौशनी की तरह,
मोमबत्ती की रौशनी की तरह,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
4461.*पूर्णिका*
4461.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भभक
भभक
Dr.Archannaa Mishraa
है शिव ही शक्ति,शक्ति ही शिव है
है शिव ही शक्ति,शक्ति ही शिव है
sudhir kumar
*संवेदना*
*संवेदना*
Dr. Priya Gupta
𑒧𑒻𑒟𑒱𑒪𑒲 𑒦𑒰𑒭𑒰 𑒮𑒧𑓂𑒣𑒴𑒩𑓂𑒝 𑒠𑒹𑒯𑒏 𑒩𑒏𑓂𑒞 𑒧𑒹 𑒣𑓂𑒩𑒫𑒰𑒯𑒱𑒞 𑒦 𑒩𑒯𑒪 𑒁𑒕𑒱 ! 𑒖𑒞𑒻𑒏
𑒧𑒻𑒟𑒱𑒪𑒲 𑒦𑒰𑒭𑒰 𑒮𑒧𑓂𑒣𑒴𑒩𑓂𑒝 𑒠𑒹𑒯𑒏 𑒩𑒏𑓂𑒞 𑒧𑒹 𑒣𑓂𑒩𑒫𑒰𑒯𑒱𑒞 𑒦 𑒩𑒯𑒪 𑒁𑒕𑒱 ! 𑒖𑒞𑒻𑒏
DrLakshman Jha Parimal
बचपन का प्यार
बचपन का प्यार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
🙅पूछ रहा दर्शक🙅
🙅पूछ रहा दर्शक🙅
*प्रणय प्रभात*
होली की आयी बहार।
होली की आयी बहार।
Anil Mishra Prahari
बादल  की  तरह आते हो ,
बादल की तरह आते हो ,
Neelofar Khan
कभी उलझन,
कभी उलझन,
हिमांशु Kulshrestha
Loading...