कुदरत और भाग्य के रंग….. एक सच
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हम सभी जानते हैं कि कुदरत भाग्य और सच जीवन का एक विशेष मतलब और सोच रखता है जीवन में असंभव कुछ भी नहीं होता हैं। बस हमारी सोच और हमारे हाथों की लकीरें जोकि समय के साथ बनती और बिगड़ी भी रहती हैं। हम अपने हाथों की लकीरों से सब कुछ जान सकते हैं असंभव कुछ भी नहीं है परंतु बस एक सही मार्गदर्शन जरूरी होता है। क्योंकि मेरा भाग्य और कुदरत के रंग एक सच कहता है जो की सभी मानव समाज के लिए मानव जाति के लिए एक समानता का भाव रखता है।
आज हम आधुनिक समाज में जन्म लेते हैं फिर भी हमारी स्वतंत्रता बचपन से ही खत्म कर दी जाती है अगर हम नारी हैं तो हमें बचपन से ही संस्कार और संस्कृति की परिभाषा बात कर शिक्षा के साथ डर और असहयोग भी बताया जाता है। और अगर हम पुरुष हैं तब हमें बचपन से यही कहा जाता है कि तुम खुश हो और तुम ही जीवन के कर्ण धार हो। और हम सब वंश वृद्धि के लिए आज भी कन्या या भ्रूण हत्या करते हैं असंभव कुछ भी नहीं है परंतु हम सभी मन भावों से सच का सामना करने से डरते हैं क्योंकि हमारे जीवन में आधुनिकरण के होते हुए भी आज भी पुरुष को मेहनत का प्रतीक और नारी को घर गृहस्थी का प्रतीक माना जाता है।
कहानी के किरदार आप और अपनी भी होते हैं नाम और शब्दों में क्या रखा है एक किरदार आप हैं और एक किरदार हम हैं लेखक भी एक किरदार है जो की समाज की दृष्टिकोण को देखते हुए समाज की बातों के साथ ही अपने लेखन से समाज को प्रेरणा देना चाहता है असंभव कुछ भी नहीं है बस हमारे जीवन में हम एक विश्वास और एक राह को चुने। और जीवन के साथ हम अपने आदर्श नियम और व्यवस्था अपने दिनचर्या में लागू करते है। तब असंभव कुछ भी नहीं अगर आज के युग में हम प्रेम मोहब्बत करते हैं और वह प्रेम मोहब्बत हमें नहीं मिल पाता तब हम निराशा की भंवर में डूब जाते हैं परंतु उसका यह परिणाम गलत हम अपनी सोच को बदलें और असंभव कुछ भी नहीं है उन परिणाम को देखें जिससे हमारा जीवन निराशा से भरा है और उस निराशा को दूर करने के लिए हम अपनी योजना और सोच बनाएं असंभव कुछ भी नहीं है समय के परिवर्तन से बहुत कुछ बदल सकता है। परंतु हम सभी अपने मन भावनाओं को विश्वास और एतबार की सोच को हम सभी नहीं समझ पाते हैं। जिससे हम सभी अपनी मन भावनाओं से अलग-अलग हो जाते हैं। आओ पढ़ते हैं
मालती एक अच्छे परिवार की लड़की होती हैं। और उम्र के साथ-साथ सभी का इश्क और मोहब्बत करने का अधिकार है परंतु हम सभी के भाग्य कुदरत के साथ-साथ एक सच यह भी रहता है की हमारी मोहब्बत सफल होती है या नहीं और हम किस उम्र के पड़ाव पर अपनी जिंदगी में चल रहे है। फिर भी असंभव कुछ भी नहीं है और हम मतलब अनीता अपनी जिंदगी को बदल सकती है। और अनीता अपनी उम्मीद और आशाओं को बदल सकती है केवल हमारे मन की सोच से हम असंभव को संभव कर सकते हैं असंभव कुछ भी नहीं होता है।
मेरा भाग्य और कुदरत के रंग एक सच के साथ-साथ हम जीवन के हर पल को एक जीवन का हिस्सा और सच में समय का सदुपयोग करना चाहिए और हमारी सोच और हमारे भाग्य जो की कुदरत के साथ-साथ हमारे कर्म के लेखा-जोखा के साथ बदलता है। और हम सभी जीवन में अपने भाग्य और कर्म के साथ-साथ जिंदगी की हसीन और सुखद फलों का अनुभव करते हैं साथ ही दुख और दुखद फलों का भी अनुभव करते हैं क्योंकि यही जीवन का एक सच है। शब्दों के साथ हम तरह-तरह की मन भावन को कहानी के रूप में पेश करते हैं और मन भावन को छू लेने वाले शब्द कहानी को साकार रूप देते हैं जिससे हम उसे कहानी का मोल बढ़ा देते हैं। बस ऐसे ही जीवन का सच है हमारे कर्म ही हमारे जीवन को सुखी और सफल बना देते हैं या हमारे कर्म हमारे जीवन को दुखी और दुखद कर देते हैं।
मेरा भाग्य और कुदरत के रंग एक सच तो यही है कि जीवन में आज हम शारीरिक मानसिक प्रेम मोहब्बत सभी अपने भाग द्वारा कुदरत के सच के साथ जीवन जीते हैं और जीवन का सच एक हमारा भाग्य और कुदरत के साथ रहता है। परंतु आज आधुनिक युग में हम धन के लालच में सब कुछ भूल चुके हैं यहां तक कि हम धन के लालच में अपने जीवन में शारीरिक संबंध भी धन के साथ बना लेते हैं। परंतु क्षणिक सुख और आनंद के लिएएतबार एहसास विश्वास को भूल जाते हैं। परंतु भाग्य और कुदरत हमारे जीवन का लेखा-जोखा हमारी मानसिक भावनाओं से ही लिख लेते हैं और समय के चक्कर के साथ हम सभी को भाग्य और कुदरत के सच को स्वीकार करना पड़ता है।
अनीता भी जीवन में मोहब्बत और इश्क में धोखा खाने के बाद अपने जीवन को नई सोच के साथ भाग्य और कुदरत की राह पर जोड़ लेती है। और अपने जीवन को स्वतंत्र कर देती है मन भावनाओं के साथ साथ अपना जीवन और विचार समाज और सांसारिक संबंधों को समझती हुई शारीरिक संबंध और जीवन की भावनाओं को समर्पित कर देती हैं। और वह सांसारिक सागर में धन को महत्व देती हुई आधुनिक युग में जीवन जीने के लिए अपने आप को समझौता कर समय के साथ-साथ जीवन चलने देती है।
मेरा भाग्य और कुदरत के रंग की सच बस यही है समय चक्र चला जाता है और हम सभी मानवता के साथ समय की घटना चक्र के साथ अपना जीवन जीते रहते हैं और हम स्वयं को कर्ता मानकर जीवन के हम और बहन को समझ नहीं पाते हैं। केवल जन्म से बचपन और बचपन से जवानी के बाद बुढ़ापा और मृत्यु में अंतर को हम समझने में बहुत देर कर देते हैं परंतु मेरा भाग्य और कुदरत के रंग एक सच के साथ हमेशा चलते है।
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नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र