कुत्ता टैक्स
गली में कुत्तों का बड़ा शोर था पता चला कि दूसरी गली का एक कुत्ता गली में आ गया था । जिसके पीछे इस गली के कुत्ते पड़ गए थे । जिसे वे भौंक भौंक कर गली से निकालना चाहते थे। उनका गली मे एक छत्र साम्राज्य था। जिसमें किसी की घुसपैठ वे बर्दाश्त नहीं कर सकते थे । एक गब़रीला कुत्ता जो उनका सम्राट था उसने उस कुत्ते को खदेड़ने के लिए पूरी फौज इकट्ठी कर रखी थी । चारों तरफ कान फाड़ू भौंकने का शोर हो रहा था । जैसे कुत्तों के बीच कोई महासंग्राम हो रहा हो । इस बीच शरारती बच्चों ने कुत्तों पर पत्थर मारना चालू कर दिया । जिससे एक अजीब सी चिल्ल पों मच गयी ।तभी एक त्रस्त कुत्ते ने एक लड़के को काट खाया । इस पर गली के सब लोग कुत्तों को खदेड़ने में लग गए ।लोग कहने लगे यह सब इस वार्ड मेंबर की की शह से हो रहा है ।उसने कुत्तों को खुली छूट दे रखी है कि वो किसी को भी काट लें । तिस पर सरकारी अस्पतालों में कुत्ते काटने के इंजेक्शन की कमी है ।लोगों को प्राइवेट डॉक्टरों के यहां जाकर इंजेक्शन लगवाना पड़ता है। और काफी पैसा खर्चा करना पड़ता है । यह एक सोची-समझी साजिश है । पैसा कमाने का धंधा बना रखा है । जिसमें बड़े बड़े अधिकारी और नेतागण शामिल है । नगरपालिका वालों का कहना था कि उनके पास कुत्ता पकड़ने की गाड़ी और स्टाफ की कमी है । जिसकी वजह से कुत्तों की तादाद बढ़ती ही जा रही जा रही है । कुछ लोगों का सुझाव था कुत्तों की नसबंदी कर देना चाहिए जिससे उनकी संख्या ना बढ़ सके सके । इस पर कुछ लोगों का कथन था कि इस विषय में पहल कौन करेगा शासन के लिए इस हेतु बजट कहां से आयेगा ? कुछ लोगों का विचार था कि शासन को इसके लिए बजट का प्रावधान कुत्ता टैक्स लगाकर करना चाहिए। विशेषकर उन पर जो लोग कुत्ता पालते हैं इस टैक्स की वसूली अनिवार्य कर देना चाहिए । कुछ लोगों का तर्क था कुत्तों को पकड़कर जंगल में छोड़ देना चाहिए ।जिससे पर्यावरण संतुलन करने मैं काफी मदद मिलेगी। और कुछ इसके विरोध में थे उनका कहना था यह सब संवेदनहीन प्रक्रिया है ।और बेजुबान निरीह पशु के विरुद्ध अत्याचार है और न्याय संगत नहीं है।
कुछ उग्र पंथी विचारधारा वाले लोगों का सुझाव था कि इनमें चुन-चुन कर कुत्तियाओं को मार देना चाहिए। जिससे ना रहेगा बांस ना बजेगी बांसुरी । इस पर संवेदनशील एवं धार्मिक विचारधारा रखने वालों का कहना था कि एक जघन्य हत्या हैं जिसे करने वाला नराधम पापी है । उसे नरक में भी जगह नहीं मिलेगी। किसी माता की हत्या करने के पाप से बड़ा पाप कोई नहीं है । कुछ लोगों का सुझाव था इस विषय में जन चर्चा का आयोजन किया जाना चाहिए। और उसमें सर्वमान्य निर्णय लेना चाहिए ।और इस विषय में सरकार को ज्ञापन देना चाहिए । यदि सरकार इस विषय में कोई ठोस निर्णय शीघ्र न ले तो सरकार के विरुद्ध जन आंदोलन छेड़ देना चाहिए ।