कुण्डलिया- लिव इन
लिव इन का संबंध ये करता बंटाधार,
बिन शादी बिन रीत के रहते दोनों यार।
रहते दोनों यार कभी जब बात बिगडती,
चलते घूसे लात न आगे गाडी बढती।
कह अशोक कविराय चले ये लिव इन कुछ दिन,
शादी ही सब करो सोचो कोई न लिव इन।।
अशोक छाबडा.
लिव इन का संबंध ये करता बंटाधार,
बिन शादी बिन रीत के रहते दोनों यार।
रहते दोनों यार कभी जब बात बिगडती,
चलते घूसे लात न आगे गाडी बढती।
कह अशोक कविराय चले ये लिव इन कुछ दिन,
शादी ही सब करो सोचो कोई न लिव इन।।
अशोक छाबडा.