कुण्डलिया- दिल्ली की वायु
कुण्डलिया- दिल्ली की वायु
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देखो रहकर गाँव में, सुविधाओं से दूर।
मिलती है ताजी हवा, हरियाली भरपूर।
हरियाली भरपूर, नहीं होती बीमारी।
पर दिल्ली की वायु, तुझे देती लाचारी।
सुविधाएँ मंजूर, गाँव में कर के देखो।
आ जाओ इक बार, साँस फिर भर के देखो।।
– आकाश महेशपुरी