-कुण्डलिया छंद
-कुण्डलिया छंद
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शारदीय नवरात्रि हैं, घर -घर माँ का गान |
आई माँ नवरूप में, कर लो उनका मान ||
कर लो उनका मान, मन में सेवा भाव धर |
सच्चे हृदय से हे नर ,माँ का पूजन कर ||
माँ के पूजने से मन ,पाप रहित हो भवदीय |
सारे कष्ट माँ हरतीं , पूज माँ शारदीय ||
स्वरचित रचना
पूनम दीक्षित
कृष्णा विहार कॉलोनी
ज्वाला नगर रामपुर
उत्तर प्रदेश