उड़ता बॉलीवुड
उड़ता बॉलीवुड यहाँ, ठुमके खूब लगाय
खादी-खाकी संग तो, मज़ा डबल हो जाय
मज़ा डबल हो जाय, करें सब ता ता थइया
जो भी दें उपदेश, सज़ा उनको दो भइया
महावीर कविराय, चहूँ ओर व्याप्त जड़ता
उल्लू है हर शाख, देख बॉलीवुड उड़ता
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देखा था पंजाब अब, उड़ता बॉम्बे देख
बदमाशों की कर रही, पुलिस ही देखरेख
पुलिस ही देखरेख, सभी मंझे अभिनेता
कैसा रावण राज, बने प्रश्न चिन्ह नेता
महावीर कविराय, मिटे न कर्म की रेखा
किसको थी उम्मीद, नशे में शासन देखा
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