कुण्डलियाँ
कुण्डलियाँ
शंका मन में मत रखो ,शुद्ध रखो आहार ।
हाथों को रख स्वच्छ नित, होंगे क्यों बीमार ।
होंगे क्यों बीमार ,नही बन आमिष भोगी ।
स्वस्थ निरोगी देह, रखो मत काया रोगी
सदा योग से नेह, बजे कसरत का डंका
करो सभी से स्नेह, तजो निज मन से शंका।
अरुणा डोगरा शर्मा,
मोहाली।