Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Sep 2022 · 1 min read

*कुटिल प्राणी (मुक्तक)*

कुटिल प्राणी (मुक्तक)
____________________________________
कुटिल प्राणी के मन में उलझनों का वास रहता है
न जीवन में कभी उसके सुखद परिहास रहता है
सदा षड्यंत्र जो रचते हैं औरों को गिराने के
उन्हें अनजान-दुश्मन का सदा आभास रहता है
————————————————————
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
203 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
जो शख़्स तुम्हारे गिरने/झुकने का इंतजार करे, By God उसके लिए
जो शख़्स तुम्हारे गिरने/झुकने का इंतजार करे, By God उसके लिए
अंकित आजाद गुप्ता
दुःख पहाड़ जैसे हों
दुःख पहाड़ जैसे हों
Sonam Puneet Dubey
हां मैं ईश्वर हूँ ( मातृ दिवस )
हां मैं ईश्वर हूँ ( मातृ दिवस )
Raju Gajbhiye
राज़-ए-इश्क़ कहाँ छुपाया जाता है
राज़-ए-इश्क़ कहाँ छुपाया जाता है
शेखर सिंह
"रविवार दो कर दे"
Dr. Kishan tandon kranti
सफल लोगों की अच्छी आदतें
सफल लोगों की अच्छी आदतें
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
जमाना चला गया
जमाना चला गया
Pratibha Pandey
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
Otteri Selvakumar
तुम आ जाओ एक बार.....
तुम आ जाओ एक बार.....
पूर्वार्थ
एक सपना देखा था
एक सपना देखा था
Vansh Agarwal
गिद्ध करते हैं सिद्ध
गिद्ध करते हैं सिद्ध
Anil Kumar Mishra
क्राई फॉर लव
क्राई फॉर लव
Shekhar Chandra Mitra
कितने चेहरे मुझे उदास दिखे
कितने चेहरे मुझे उदास दिखे
Shweta Soni
प्यार आपस में दिलों में भी अगर बसता है
प्यार आपस में दिलों में भी अगर बसता है
Anis Shah
चाहत
चाहत
Bodhisatva kastooriya
मकसद ......!
मकसद ......!
Sangeeta Beniwal
समझा दिया
समझा दिया
sushil sarna
भारत बनाम इंडिया
भारत बनाम इंडिया
Harminder Kaur
#निरंकुशता-
#निरंकुशता-
*प्रणय प्रभात*
अभी कहाँ आराम, परम लक्ष्य छूना अभी।
अभी कहाँ आराम, परम लक्ष्य छूना अभी।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
ना जाने
ना जाने
SHAMA PARVEEN
सुहागन का शव
सुहागन का शव
अनिल "आदर्श"
ग़ज़ल _ सब्र अपने पास रखना चाहिए ।
ग़ज़ल _ सब्र अपने पास रखना चाहिए ।
Neelofar Khan
23, मायके की याद
23, मायके की याद
Dr .Shweta sood 'Madhu'
हिन्दी दोहे- चांदी
हिन्दी दोहे- चांदी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
एक लम्हा है ज़िन्दगी,
एक लम्हा है ज़िन्दगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इस दुनिया की सारी चीज भौतिक जीवन में केवल रुपए से जुड़ी ( कन
इस दुनिया की सारी चीज भौतिक जीवन में केवल रुपए से जुड़ी ( कन
Rj Anand Prajapati
तुम्हारी हाँ है या ना ?
तुम्हारी हाँ है या ना ?
Dr. Rajeev Jain
“तड़कता -फड़कता AMC CENTRE LUCKNOW का रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम” (संस्मरण 1973)
“तड़कता -फड़कता AMC CENTRE LUCKNOW का रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम” (संस्मरण 1973)
DrLakshman Jha Parimal
बहुत कठिन है पिता होना
बहुत कठिन है पिता होना
Mohan Pandey
Loading...