कुछ ही दिन में दिसंबर आएगा,
कुछ ही दिन में दिसंबर आएगा,
जिस पल का है इंतजार वो पल आएगा।
खुशियां होंगी हर तरफ जब वो,
मेरी जुल्फों में चांद तारे सजाएगा।
देर तक बैठी रहूंगी पास उसके मैं,
वो कोई गीत कानों में मेरे गुनगुनाएगा।
आज जुदाई है तो क्या हुआ फिर,
अगला सवेरा अपने मिलन का भी आएगा।
भूल जाऊंगी मैं सारे गम पुराने,
उसका प्यार मेरे जख्मों पर मरहम लगाएगा।
उसकी खुशबू से खिल उठेगा तन मन मेरा,
वो मुझे चंदन सा महकाएगा।