कुछ स्वस्थ विचार
१.
बंधनमुक्त जीवन व्यक्ति को सुन्दर से
सुन्दरतम , मधुर से मधुरतम, पवित्र से
पवित्रतम एवं महान से महानतम की ओर
प्रस्थित करता है | इसकी छाया मात्र से
हज़ारों लोगों का जीवन मंगलमय हो जाता है |
ये सत्मार्ग पर चलने की प्रेरणा का स्रोत होते हैं
| ये मानव को सही दिशा दिखाते हैं साथ ही.
उन्हें अपने मोक्ष की दिशा का ज्ञान कराते हैं |
ये संस्कारों एवं संस्कृति को पुष्पित करने का
कार्य करते हैं | ये मानव और परमात्मा के
बीच की विशेष कड़ी होते हैं |
२.
उपकार करना एक ऐसी मानवीय प्रक्रिया है
जिसमे उपकार करने वाले को उपकार करने
के पश्चात भूल जाना ही बेहतर होता है | यदि
ऐसा नहीं होता तो समझना चाहिए कि
उपकार के बदले वापस उपकार की आकांक्षा
मन के कोने में घर बनाए हुए है | और बदले
में उपकार न प्रात होने पर उपकार करने की
प्रवृत्ति पर विपरीत प्रभाव पड़ता है अर्थात
“नेकी कर दरिया में डाल “ की कहावत को
आधार बनाकर ही उपकार करना चाहिए |