Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Feb 2024 · 1 min read

कुछ लोग बहुत पास थे,अच्छे नहीं लगे,,

कुछ लोग बहुत पास थे,अच्छे नहीं लगे,,
कुछ लोग जो अच्छे लगे,सरहद के पार थे।

172 Views
Books from Shweta Soni
View all

You may also like these posts

मैंने उस नद्दी की किस्मत में समंदर लिख दिया
मैंने उस नद्दी की किस्मत में समंदर लिख दिया
Nazir Nazar
जिंदगी प्यार से लबरेज़ होती है।
जिंदगी प्यार से लबरेज़ होती है।
सत्य कुमार प्रेमी
अमर रहे अमर रहेे
अमर रहे अमर रहेे
Shinde Poonam
खुद को इतना हंसाया है ना कि
खुद को इतना हंसाया है ना कि
Rekha khichi
सास बहू..…. एक सोच
सास बहू..…. एक सोच
Neeraj Agarwal
वह गांव की एक शाम
वह गांव की एक शाम
मधुसूदन गौतम
??????...
??????...
शेखर सिंह
2674.*पूर्णिका*
2674.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हर एक शक्स कहाँ ये बात समझेगा..
हर एक शक्स कहाँ ये बात समझेगा..
कवि दीपक बवेजा
दोहा पंचक. . . मेघ
दोहा पंचक. . . मेघ
sushil sarna
वो ख्वाबों में सपने संजोती तो होगी
वो ख्वाबों में सपने संजोती तो होगी
कृष्णकांत गुर्जर
कितना खाली खालीपन है
कितना खाली खालीपन है
Saraswati Bajpai
ईमानदार,शरीफ इंसान को कितने ही लोग ठगे लेकिन ईश्वर कभी उस इं
ईमानदार,शरीफ इंसान को कितने ही लोग ठगे लेकिन ईश्वर कभी उस इं
Ranjeet kumar patre
मैं अपना यौवन देता हूँ !
मैं अपना यौवन देता हूँ !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
तवाफ़-ए-तकदीर से भी ना जब हासिल हो कुछ,
तवाफ़-ए-तकदीर से भी ना जब हासिल हो कुछ,
Kalamkash
" शबाब "
Dr. Kishan tandon kranti
सच है, कठिनाइयां जब भी आती है,
सच है, कठिनाइयां जब भी आती है,
पूर्वार्थ
एहसास के सहारे
एहसास के सहारे
Surinder blackpen
हम तुम
हम तुम
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
जो सुनता है
जो सुनता है
Meera Thakur
🙅देश व धर्म हित में🙅
🙅देश व धर्म हित में🙅
*प्रणय*
उनसे कहना वो मेरे ख्वाब में आते क्यों हैं।
उनसे कहना वो मेरे ख्वाब में आते क्यों हैं।
Phool gufran
"" *जीवन आसान नहीं* ""
सुनीलानंद महंत
*रखो हमेशा इस दुनिया से, चलने की तैयारी (गीत)*
*रखो हमेशा इस दुनिया से, चलने की तैयारी (गीत)*
Ravi Prakash
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
#है_व्यथित_मन_जानने_को.........!!
#है_व्यथित_मन_जानने_को.........!!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
वक्त सा गुजर गया है।
वक्त सा गुजर गया है।
Taj Mohammad
दुःख का भी अधिकार होता है
दुःख का भी अधिकार होता है
meenu yadav
- तेरी आंखे जैसे झील का दरिया -
- तेरी आंखे जैसे झील का दरिया -
bharat gehlot
सफर कितना है लंबा
सफर कितना है लंबा
Atul "Krishn"
Loading...