Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Aug 2024 · 1 min read

कुछ लोग प्यार से भी इतराते हैं,

कुछ लोग प्यार से भी इतराते हैं,
पर यदा-कदा हम उनपे गुस्साते हैं,
शायद हम प्यार समझ नहीं पाते हैं!
काश ये सब भी हम समझ पाते….
तो ज़िंदगी को और आसान बना पाते!
चलो छोटी-छोटी बातों को समझकर…
और छोटे-छोटे मूल्यों को सहेजकर,
इस ज़िंदगी को खुशहाल बनाते हैं!
एक बार फिर से इसे जीने का
संकल्प आज हम उठाते हैं…
…. अजित कर्ण ✍️

1 Like · 45 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
एतबार
एतबार
Davina Amar Thakral
वर्तमान
वर्तमान
Shyam Sundar Subramanian
दूरियाँ जब बढ़ी, प्यार का भी एहसास बाकी है,
दूरियाँ जब बढ़ी, प्यार का भी एहसास बाकी है,
Rituraj shivem verma
मेरी कविताएं पढ़ लेना
मेरी कविताएं पढ़ लेना
Satish Srijan
कुलदीप बनो तुम
कुलदीप बनो तुम
Anamika Tiwari 'annpurna '
आपके स्वभाव की सहजता
आपके स्वभाव की सहजता
Dr fauzia Naseem shad
सज़ल
सज़ल
Mahendra Narayan
4031.💐 *पूर्णिका* 💐
4031.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
रंजीत कुमार शुक्ला
रंजीत कुमार शुक्ला
हाजीपुर
बाजार
बाजार
PRADYUMNA AROTHIYA
"आँखें"
Dr. Kishan tandon kranti
आस्था विश्वास पर ही, यह टिकी है दोस्ती।
आस्था विश्वास पर ही, यह टिकी है दोस्ती।
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
हमने एक बात सीखी है...... कि साहित्य को समान्य लोगों के बीच
हमने एक बात सीखी है...... कि साहित्य को समान्य लोगों के बीच
DrLakshman Jha Parimal
6. शहर पुराना
6. शहर पुराना
Rajeev Dutta
இவன்தான் மனிதன்!!!
இவன்தான் மனிதன்!!!
Otteri Selvakumar
मनुष्य प्रवृत्ति
मनुष्य प्रवृत्ति
विजय कुमार अग्रवाल
सोना और चांदी हैं, कलंदर,तेरी आंखें। मशरूब की मस्ती हैं,समंदर तेरी आंखें।
सोना और चांदी हैं, कलंदर,तेरी आंखें। मशरूब की मस्ती हैं,समंदर तेरी आंखें।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
If you think you are too small to make a difference, try sle
If you think you are too small to make a difference, try sle
पूर्वार्थ
Ultimately the end makes the endless world ....endless till
Ultimately the end makes the endless world ....endless till
सिद्धार्थ गोरखपुरी
इंसान हूं मैं आखिर ...
इंसान हूं मैं आखिर ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
डोर
डोर
Dr. Mahesh Kumawat
जिंदगी मैं हूं, मुझ पर यकीं मत करो
जिंदगी मैं हूं, मुझ पर यकीं मत करो
Shiva Awasthi
नहीं-नहीं प्रिये!
नहीं-नहीं प्रिये!
Pratibha Pandey
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
गुमनाम राही
गुमनाम राही
AMRESH KUMAR VERMA
लहर तो जीवन में होती हैं
लहर तो जीवन में होती हैं
Neeraj Agarwal
चुरा लेना खुबसूरत लम्हें उम्र से,
चुरा लेना खुबसूरत लम्हें उम्र से,
Ranjeet kumar patre
माँ का आँचल जिस दिन मुझसे छूट गया
माँ का आँचल जिस दिन मुझसे छूट गया
Shweta Soni
मेरी प्यारी सासू मां, मैं बहुत खुशनसीब हूं, जो मैंने मां के
मेरी प्यारी सासू मां, मैं बहुत खुशनसीब हूं, जो मैंने मां के
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मैं मजदूर हूं
मैं मजदूर हूं
हरवंश हृदय
Loading...