कुछ लिखा हैं तुम्हारे लिए, तुम सुन पाओगी क्या
कुछ लिखा हैं तुम्हारे लिए, तुम सुन पाओगी क्या
जिसे छोड़ा है तुमने, वो काश्तकार ढूंढ पाओगी क्या
किस आज़ादी की दुहाई दे रही हो तुम
वो आज़ादी आलोक के सिवा कही और पाओगी क्या?
कुछ लिखा हैं तुम्हारे लिए, तुम सुन पाओगी क्या
जिसे छोड़ा है तुमने, वो काश्तकार ढूंढ पाओगी क्या
किस आज़ादी की दुहाई दे रही हो तुम
वो आज़ादी आलोक के सिवा कही और पाओगी क्या?