** कुछ यादें तस्वीरों तक **
कुछ यादें तस्वीरों तक ही सीमित रह जाती है
फिर भी तस्वीरें दिल की तहतक कह जाती है
रह जाती ये यादें बस दिल में ज़हर- कहर बन
ये शामों-शहर दिल ही दिल कुछ कह जाती है।।
?मधुप बैरागी
कुछ यादें तस्वीरों तक ही सीमित रह जाती है
फिर भी तस्वीरें दिल की तहतक कह जाती है
रह जाती ये यादें बस दिल में ज़हर- कहर बन
ये शामों-शहर दिल ही दिल कुछ कह जाती है।।
?मधुप बैरागी