Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jul 2024 · 1 min read

कुछ भागे कुछ गिर गए,

कुछ भागे कुछ गिर गए,
कुछ की टूटी श्वांस ।
आएगी किसको भला,
ऐसी पूजा रास ।5।

सुशील सरना / 4-7-24

16 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
राम की आराधना
राम की आराधना
surenderpal vaidya
दादी माॅ॑ बहुत याद आई
दादी माॅ॑ बहुत याद आई
VINOD CHAUHAN
मिलना था तुमसे,
मिलना था तुमसे,
shambhavi Mishra
हिंदी दोहा-कालनेमि
हिंदी दोहा-कालनेमि
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
" भींगता बस मैं रहा "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
फ़लसफ़ा है जिंदगी का मुस्कुराते जाना।
फ़लसफ़ा है जिंदगी का मुस्कुराते जाना।
Manisha Manjari
The most awkward situation arises when you lie between such
The most awkward situation arises when you lie between such
Sukoon
रक्षा बंधन
रक्षा बंधन
bhandari lokesh
अकेला गया था मैं
अकेला गया था मैं
Surinder blackpen
डर होता है
डर होता है
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
जलाओ प्यार के दीपक खिलाओ फूल चाहत के
जलाओ प्यार के दीपक खिलाओ फूल चाहत के
आर.एस. 'प्रीतम'
हमारी आखिरी उम्मीद हम खुद है,
हमारी आखिरी उम्मीद हम खुद है,
शेखर सिंह
तन पर तन के रंग का,
तन पर तन के रंग का,
sushil sarna
' पंकज उधास '
' पंकज उधास '
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
नमन!
नमन!
Shriyansh Gupta
हर इंसान होशियार और समझदार है
हर इंसान होशियार और समझदार है
पूर्वार्थ
मुक्तक
मुक्तक
नूरफातिमा खातून नूरी
*भॅंवर के बीच में भी हम, प्रबल आशा सॅंजोए हैं (हिंदी गजल)*
*भॅंवर के बीच में भी हम, प्रबल आशा सॅंजोए हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
आजकल की बेटियां भी,
आजकल की बेटियां भी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मोल
मोल
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
मेरे भी दिवाने है
मेरे भी दिवाने है
Pratibha Pandey
*अहमब्रह्मास्मि9*
*अहमब्रह्मास्मि9*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"तू-तू मैं-मैं"
Dr. Kishan tandon kranti
रंगीन हुए जा रहे हैं
रंगीन हुए जा रहे हैं
हिमांशु Kulshrestha
पिता है तो लगता परिवार है
पिता है तो लगता परिवार है
Ram Krishan Rastogi
2707.*पूर्णिका*
2707.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कोशिश करना आगे बढ़ना
कोशिश करना आगे बढ़ना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
लोककवि रामचरन गुप्त के पूर्व में चीन-पाकिस्तान से भारत के हुए युद्ध के दौरान रचे गये युद्ध-गीत
लोककवि रामचरन गुप्त के पूर्व में चीन-पाकिस्तान से भारत के हुए युद्ध के दौरान रचे गये युद्ध-गीत
कवि रमेशराज
मुझे सहारा नहीं तुम्हारा साथी बनना है,
मुझे सहारा नहीं तुम्हारा साथी बनना है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
इन फूलों से सीख ले मुस्कुराना
इन फूलों से सीख ले मुस्कुराना
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
Loading...