जागृति के साथ उत्सव मनाओ,
खुशियाँ मनाओ..उत्सव मनाओ,
जीवंत होने का संदेश दो,
पर पाखंड को छोड़कर,
नि ज ता की खोज मेंं,
प्रेम-प्यार मे घुल-मिल एक हो जाओ,
.
जागरण मनाओ,
जीवन मिला है,
अपने जीवंत होने का हर साक्ष्य के
………..उदाहरण बन जाओ,
बस पाखंड को अलविदा कह दो,
तुम्हारा जन्म लेना …सफल हुआ,
.
आस्तिक भगौड़ा है,
बात-बात में शरण लेता है,
नास्तिकता सामना है,
खुद का खुद से सामना,
भुजदिलों का काम नहीं है,
ऐसा करना,
.
डॉ महेंद्र तेरा मानना है,
जीवन में सेवक बनना है,
स्वयं को जान लो,
फिर सब कुछ अर्थपुर्ण है,
अन्यथा सबकुछ व्यर्थ,
.
डॉ महेंद्र सिंह खालेटिया,