कुछ दोहे
(1)
दर्शन करने श्याम का,चल वृन्दावन धाम !
जग का पालन हार वो , जप ले राधे नाम !
(2)
मनमोहन की बाँसुरी, लेती राधा नाम !
मधुवन आई राधिका , छोड़-छाड़ के काम !
(3)
मनमोहक है सांवरे , कहते चितवन चोर !
कण-कण में व्यापत वही , दिखते है चहुंओर !
(4)
जग सागर है प्रेम का , इसमें ज़हर न घोल !
सब होंगे तेरे सखा , मीठी वाणी बोल !
(5)
आँगन सूना लग रहा , पिया गयें परदेश !
दिन महीने गुजर रहे, बिन पाती संदेश !
(6)
पीपल नीम नहीं रहें , खोजे राही छाँव !
कौवा कोयल गुम हुए ,सूना अमवा गाँव !
✍दुष्यंत कुमार पटेल✍